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रविवार, 18 जून 2017

वो उनकी डांट, और रूठना मेरा ।

#happyfathersday
वो बात बात पर उनकी डांट,  और बार बार रूठना मेरा ।
ऐसे ही कई बार शुरू होता , उनका और मेरा  सबेरा ।
कभी मैं गिरता और , उठता उनकी उंगली  पकड़ दुबारा ।
हो कोई बात मनवाना , लेता माँ का इमोशनल सहारा ।
ऐसे होती मेरी कई ख्वाइश पूरी , लगता मैं जीता वो हारा ।
कभी भी मेरा हार जाना , ना होता उनको भी बिलकुल गवारा ।
रात दिन मेहनत कर , करते अपने सुखों और आराम से किनारा ।
बस यही तमन्ना लिए कि , हर ख़ुशी सुख पाये उनका दीप  दुलारा ।
आदरणीय सभी पिताओं को सादर नमन के साथ समर्पित ।
हेप्पी फादर्श डे ।

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